India National Election 2024: Legacy of Party Symbols
India National Election 2024: Legacy of Party Symbols; भारत के आगामी 2024 के राष्ट्रीय चुनाव में चुनाव सिम्बलो और उनके रचनात्मक उपयोग पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है. हाल ही में आयी ख़बरों के मुताबिक विजयवाड़ा के Kristurajupuram में Telugu Desam Party (TDP) के कार्यकर्ताओं ने एक साइकिल को हवा में उठाया जबकि उत्तर प्रदेश के नगीना में आज़ाद समाज पार्टी (कांशी राम) के समर्थक बड़े केतली अपने सर पर उठा रहे हैं. चुनाव सिंबलो का रचनात्मक और कलात्मक उपयोग भारत के चुनाव मौसम में हमेशा एक महत्वपूर्ण पहलु रहा है. पहली चुनाव से लेकर आज तक जब भी चुनाव का मौसम आता है तो चुनाव सिंबलो का विशेषता से उपयोग देखा जाता है.
1951 में शुरू होने वाले पहले चुनाव से लेकर जब काम से काम 53 पार्टीज लगभग 4,500 सीटो के लिए चुनाव लड़ रही थी (जिस में लोक सभा और स्टेट असेंबली सीट्स शामिल हैं) तब से इलेक्शन कमीशन ने पार्टीज को सिम्बल्स आल्लोट किये हैं जिसके तहत एक उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है.
इस प्रक्रिया को और सुधरने के लिए इलेक्शन सिम्बल्स (रिजर्वेशन एंड अल्लोत्मेंट) आर्डर 1968 लागू किया गया था, जिसमे पार्टीज को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सिम्बल्स का अल्लोत्मेंट किया जाता है साथ ही इंडिपेंडेंट उम्मीदवारों को भी. इस आर्डर में दो या अधिक पार्टीज का मर्जर होने पर या पार्टी में स्प्लिट होने पर लागु करने वाले नियम भी हैं.इस प्रक्रिया का मक़सद है की चुनाव मौसम में पार्टीज और उम्मीदवारों को उनके विशेष चिन्हों के माध्यम से पहचाना जा सके और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सके. चुनाव सिम्बलो का रचनात्मक उपयोग एक सामाजिक और राजनैतिक सन्देश भी है जो भारत के चुनाव मौसम को एक ख़ास महत्व और रंग भरता है.इस प्रकार 2024 के चुनावी मौसम में चुनाव सिम्बलो का रचनात्मक उपयोग एक रोचक और महत्वपूर्ण विषय है जो भारत के राजनैतिक पहलु को और भी विविधता और रंग भरता है।
Congress | कांग्रेस ‘HAND’ का लम्बा सफर:
कोंग्रेस्स का प्रथम चुनाव चिन्ह एक जोड़ा हुआ बैल था जो भारत की स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस का योगदान दर्शाता है. मुहम्मद रफ़ी के एक प्राचीन रिकॉर्ड में एक साधारण हिंदी गाने से शुरू होता है जिसमे एक सरल जिंगल “कांग्रेस को वोट दें कांग्रेस को वोट दें” सुनाई देता है. इस चुनावी गान में कांग्रेस के इतिहास को चित्रण किया गया है और वोटर्स को पार्टी का पहला चुनाव चिन्ह एक जोड़ा हुआ बैल दिखाया गया है।
“दो बैलों की जोड़ी वाला कांग्रेस का अमित निशाँ जिस के पीछे भरा पड़ा आज़ादी का इतिहास महँ (कांग्रेस के बैलों का निशाँ जो भारत की आज़ादी का महँ इतिहास साथ लेकर चलता है) रफ़ी वोटर्स को याद दिलाते हैं. यह बैलों का जोड़ा जवाहरलाल नेहरू को सौपी गयी कृषि अर्थव्यवस्था का प्रतिक था और इससे प्रभावित हुई उनकी बेटी इंदिरा गाँधी जब उन्होंने 1969 में अपनी अपनी प्रतिष्ठित दाल की स्थापना की.