अगर आप खुद का बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने के बारे में सोच रहे है, और इस व्यवसाय के तौर तरीके एवम् नियमो को समझना चाहते है तो यकीनन इस लेख के जरिए मैं आपकी पूरे तरीके से मदद करने की कोशिश करूंगा।
देखिए किसी भी व्यवसाय को शुरू करना उतना ही कठिन होता है जितना आसान उसके बारे में अनुमान लगाना।
अगर आप ये सोच रहे है की मैं दो – चार बकरिया लाके, उन्हें पाल के एक उगता हुआ व्यवसाय शुरू कर दूंगा, तो हां आपके ये विचार कुछ हद तक सही हैं।
लेकिन खुद सोचिए की क्या ये केवल इतने कार्यों तक ही सीमित है?
बिलकुल नहीं!
बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करते समय आपको ऐसे कई सारी बातों का ध्यान रखना होता है जिससे की आप एक समृद्ध और उग्र व्यवसाय शुरू कर सके जिसके बारे में मैंने नीचे विस्तार से बताया है।
1. बकरी पालन का व्यवसाय योजना बनाना
बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने का सबसे पहला नियम या फिर किसी भी सफल बिजनेस को शुरु करने का पहला नियम होता है, उसे समझना और फिर एक बिजनेस प्लान बनाना। जिसके मुताबिक आप अपने व्यवसाय के ठोस कदम उठाएंगे।
चुकी इस व्यवसाय के बारे में तो हम आपको बताने ही वाले है, लेकिन इसका व्यवसाय योजना, आपको खुद बनाना होगा।
व्यवसाय योजना से मेरा मतलब है, की आप आपके धंधे में कितनी संख्या में बकरिया रखेंगे, उनमें बकरियों की कौन सी नस्ल होगी, इस व्यवसाय में आप कितने रुपए तक खर्च कर सकते है, अपने उत्पादों को बाजार में कहा और कैसे बेचेंगे ?
ये सारी चीजे, आपके व्यवसाय योजना में शामिल होती है।
और जाने – व्यवसाय योजना कैसे बनाते है?
2. बकरी पालन के लिए क्षेत्र का चुनाव करना
अगर आपने बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय कर लिया है तो आपको सबसे पहले अपने बकरियों के लिए एक सही जगह का चुनाव करना होगा जहा आप इस व्यवसाय को शुरू करेंगे। इसके लिए आपको कुछ मुख्य बातो का ध्यान रखना चहिए:
1. सबसे पहले तो आपको किसी भी ऐसे जगह को नहीं चुनना है जो असुरक्षित हो।
2. असुरक्षित जगह में बकरी पालन करने से आपके सामने कई सारी समस्याएं खड़ी हो सकती है, जैसे कि बकरियों की चोरी, उनकी हत्या, अपराध, और बाहरी जानवरों से असुरक्षा का खतरा। इसलिए, सुरक्षा पर विशेष ध्यान देकर ही बकरी पालन के लिए सही जगह को चुनना आपके लिए बेहतर होगा।
3. तीसरी और सबसे जरूरी बात, बकरी पालन के लिए किसी भी ऐसे जगह को ना चुने जहां बकरी के उत्पाद या उनकी मांग बहुत कम हो।
4. इसके अलावा अपने बकरी पालन के लिए जगह चुनते समय इस बात का भी ध्यान रखे की आपके पास बकरियों के रहने, चरने और घूमने के लिए पर्याप्त जगह हो, ऐसा ना हो की आपके पास बिलकुल सीमित जगह हो जिसमे बकरिया घुटन महसूस करे।
5. वैसे तो बकरियों के अच्छे देखभाल के साथ उन्हें मौसम परिवर्तन का उतना असर नहीं होता लेकिन फिर भी बकरियों के लिए ज्यादा गर्मी और बरसात का मौसम नुकसानदेह साबित होता है। इस मौसम में बकरिया ज्यादे बीमार पड़ती है।
6. बकरी पालन के लिए जगह का चुनाव करने में इन सारी बातों का ध्यान रखना आपके बेहतर निर्णयों में एक होगा।
3. बकरी पालन के लिए शेड का निर्माण करवाना
बकरी पालन व्यवसाय का एक और अहम हिस्सा है उनके लिए शेड निर्माण करना, यानी की उनका घर बनवाना। अक्सर ही मैंने ग्रामीण इलाको में गौर किया है की वे अपने बकरियों को अन्य पशुओं के साथ ही रखते है।
सच कहूं तो मुझे नहीं पता की वे ऐसा क्यों करते है लेकिन बकरी पालन में शेड कितना जरूरी होता है इसे आप नीचे पढ़ के पता लगा सकते है।
और पढ़े – डिटेल में जाने की बकरी पालन के लिए सही शेड निर्माण कैसे करें।
4. बकरी पालन में शेड निर्माण क्यू जरूरी है?
बकरी पालन में शेड (बकरियो का घर) निर्माण को ये निम्न कारक महत्वपूर्ण बनाते है:
- अगर आप अपने बकरियों के लिए शेड बनवाते है तो आपकी बकरियां धूप, बारिश, ठंडी और उच्च तापमान से सुरक्षित रहती है।
- बकरियों को बाहरी और शिकारी जानवरो से सुरक्षा मिलती है।
- इसमें बकरियों को आरामदायक और उचित वातावरण भी मिलता है।
- शेड के अंदर बकरियो को बाहरी मौसम बदलने के कारण होने वाले बीमारियो से भी सुरक्षा मिलती है।
- बकरियों के घर में उनके प्रजनन, वृद्धि, पालन पोषण और उत्पादकता में सुधार होती है।
- शेड के अंदर बकरियों के इलाज, उनकी देखभाल और उनका पालन पोषण आसनी से किया जा सकता है।
तो चलिए अब जानते है की आपको अपने बकरियों के लिए कैसा शेड बनवाना चाहिए ?
और बिजनेस के बारे में पढ़िए:
- भेड़ पालन का बिज़नेस कैसे शुरू करे? (Bhed palan ka business kaise shuru kare?)
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5. बकरी पालन का व्यवसाय के लिए शेड निर्माण कैसा करवाना चाहिए ?
सबसे पहले तो मैं आपको बता दू की बकरी पालन के लिए आप शेड को दो तरह से बनवा सकते है, पहला जमीन पर और दूसरा जमीन के ऊपर लेकिन ये, आपके तरफ मौसम और वहा के वातावरण पर भी निर्भर करता है।
जैसे की यदि आप इसे किसी ठंडे या बारिश वाले मौसम में शुरु कर रहे है तो बकरियों के लिए शेड जमीन के ऊपर ही बनवाना बेहतर साबित होगा।
हालाकि इन सभी के बारे में मैंने अपने एक दूसरे आर्टिकल में बकरियों के लिए बजट में शेड/फार्म/घर कैसे बनवाए? में डीटेल में बताया है। जिसे पढ़ कर आप पूरी जानकारी ले सकते है।
6. अपने उत्पाद का चुनाव करे :
जब आप इस व्यवसाय को शुरू करते है तो आपको अपना उत्पाद भी ध्यान से चुनना चाहिए उत्पाद चुनने से मेरा मतलब है, की आप अपने बाजार में क्या बेचना चाहते है? या फिर आपके बाजार में किस उत्पाद की मांग सबसे ज्यादे है? जैसे की बकरियों का दूध, उनका मांस या खुद बकरियां।
ये जान लेने के बाद आपको अपने उत्पाद के अनुसार बकरियों का चुनाव करना होगा।
आपको बता दू की भारत में बकरियों की कई अलग – अलग नस्ले पाई जाती है जो अपने विशेष खासियत के लिए प्रसिद्ध है। जैसे कोई बकरी ज्यादे दूध देती है तो कोई बकरी ज्यादे मांस तो कोई दूध और मांस दोनो।
इसलिए अपने व्यवसाय के लिए बेहतर बकरियों के नस्लों का चुनाव करना भी जरूरी है और आपके लिए ये काम मुसीबत ना बने इसलिए मैने आपको बकरियों के कुछ नस्लों के बारे में नीचे बताया है।
7. बकरियां की कुछ प्रमुख नस्ले।
नस्ल | स्थान | प्रमुखता |
जमुनापारी बकरियां | उत्तरप्रदेश (जमुना किनारे) | खूबसूरती और उच्च दुध उत्पादन की क्षमता |
सिरोही | राजस्थान (ठंडी और सुखी जगहे) | दूध और मांस उत्पादन में प्रमुख |
बरबरी | उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, और मध्य प्रदेश | खास तौर से मांस के लिए चर्चित |
बोअर | उत्तर पश्चिमी यूरोप (मजबूत नस्ल) | अच्छी गोदन और मांस उत्पादन क्षमता |
सुरती | गुजरात | उच्च प्रजनन दर |
बीतल | पश्चिमी बंगाल | दूध और मांस के लिए प्रसिद्ध |
ओस्मानाबादी | महाराष्ट्र | ज्यादा दूध उत्पादन |
ब्लैक बंगाल | बंगाल | उच्च प्रजनन दर और मांसउत्पादन |
8. बकरियों का चुनाव कैसे करे ?
मैने कई ऐसे व्यवसायियों को देखा है जो अपने धंधे के बाकी कामों को तो बड़े ही अच्छे से करते है लेकिन वे अपने व्यवसाय के लिए सही बकरियों का चुनाव नही करते।
यहां पर मैं आपको ये नही कह रहा की सही बकरियों का चुनाव करना सही नस्लों का चुनाव करना है। बल्कि ऐसी बकरियों को चुनना महत्वपूर्ण बन जाता है, जिनकी गुणवत्ता
अच्छी हो यानी की आप अपने बकरी पालन के लिए ऐसे बकरियों को चुने जो –
- स्वस्थ हो।
- सभी रोगों से मुक्त हो।
- अच्छी मांस और दूध का उत्पादन करे।
- चराई में निपुण हो।
- जिनकी प्रजनन शक्ति हो।
9. बकारियो के लिए चारे का प्रबंध करे?
वैसे तो बकरियो को सामान्यत: घास ही खिलाई जाती है, लेकिन यदि आप चाहे तो उन्हे दाने और अनाज भी खिला सकते है।
1. घास या चारा – घास या चारे में आप अपने बकरियों को लूस, सीरा, बरमुदा, लूसर्न, गाहू, आदि जैसी खाद्य आराम से खिला सकते है। ये चारे बकरियों के लिए काफी फायदेमंद होते है।
2. दाना और अनाज – इन प्रकार के आहार में आपके बकरियों के लिए दाने, धान, मक्का, सोयाबीन और चोकर बेहतर साबित होंगे।
3. बकरियों को कितना चारा खिलाना चाहिए – इस विषय में आपको काफी ज्यादे विचार करने की आवश्यकता नही है, हर बकरी अपने उम्र, वजन और भूख के अनुसार ही भोजन करती है।
इसे आप धीरे धीरे वक्त के साथ समझ जायेंगे की आपको अपने किस बकरी को कितना चारा खिलाना है और कितना नही।
अब आपने उत्पाद और बकरियों के नस्लो को चुन लिया, उनके लिए चारे और अनाज को भी समझ गए, उनके बीमारियों के बारे में भी अच्छे से जान गए तो,
अब बारी आती है अपने व्यवसाय के उत्पादन को बढ़ाने की, और ये तभी मुमकिन होगा जब बकरिया प्रजनन करेंगी। तो चलिए इसे भी समझ लेते है।
10. बकारियों में प्रजनन कैसे और कब होता है ?
बकरियों में प्रजनन (बच्चे पैदा करना) का सही समय पुरी तरह से बकरियों की उम्र पर निर्भर करता है। इस बात का हमेशा ध्यान दे की आपके किसी भी बकरी का प्रजनन उसके सही उम्र से पहले ना हो।
1. बकारियो में प्रजनन का सही समय?
प्रजनन का सही उम्र: सामान्य तौर पर बकारियो के प्रजनन का सही समय उनकी संपूर्ण विकास के बाद होता है। आसन भाषा में समझाऊं तो जब बकरिया 8 से 10 महीने की हो जाती है तो वह प्रजनन करने के काबिल हो जाती हैं।
मौसम के अनुसार: ज्यादातर बकरिया अपना प्रजनन ‘शरद ऋतु’ में करती है।
2. बकारियो में प्रजनन कैसे होता है?
बकरी की पहचान: आपके बकरी की प्रजनन के लिए उसकी पहचान करना जरूरी है। इसके लिए आप बकरी को किसी पुरुष बकरे के पास छोड़ दे अगर वो प्रजनन के लिए तैयार होगी तो बकरी पुरुष बकरे पास जाएगी और उनके बीच प्रजनन की क्रिया होगी।
3. प्रजनन हुई बकरियों की देखभाल:
प्रजनन के समय उनका पोषण: प्रजनन के बाद बकारियो को सही मात्रा में खाद्य और चारे की जरुरत होती है। तो ऐसे में आपको उस बकरी का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, आपको उन्हें चारे, अनाज, पानी, मिनिरल्स और विटामिन को समय पर और सही मात्रा में देना चाहिए।
प्रजनन के बाद आराम: प्रजनन हुई बकरियों को आराम देना भी उतना ही महत्पूर्ण है जितना की उनका पोषण आपको इन बकरियों को अच्छे और स्वस्थ माहौल में रखना अनिवार्य होता है।
11. बकारियों का टीकाकरण:
बकरियों का टीकाकरण, बकरियों में होने वाली अलग अलग बीमारियों से बचाने के लिए किया जाता है। जिनमे से कुछ टिके निम्न है।
1. एंटीबायोटिक टीके:
एंटीबायोटिक टीके बकरियों को बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाने के लिए दिया जाता है, ये टीके आपके बकरीयो को विभिन्न बाक्टीरियल इन्फेक्शनों से बचाने में मदद करते है।
2. वायरल टीके:
ये टीके आपके बकरीयो में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है जो उन्हे खतरनाक वायरस के रोगो से लड़ने में मदद करती है।
3. पैराजाइटिकाइड टीके:
पैराजाइटिकाइड टीके बकरियों को जीवाणुओं, कीड़ों से होने वाले इंफेक्शन से बचाव के लिए दिए जाते है।
12. बकारियो में कौन कौन सी बिमारिया होती हैं?
बकरियों में कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं, और आपके बकरियों का बीमार होना आपके उत्पाद और व्यवसाय दोनो पर गहरा असर डाल सकती है।
और पढ़े – बकरियों में होने वाले रोग और उनके इलाज
आपके लिए इसे और आसन बनाने के लिए मैने कुछ बीमारियो को नीचे लिखा है जिसे आप अच्छे से समझ बूझ कर ही अपना व्यवसाय शुरू करे ताकि आप उनकी देखभाल कर सकें और आपको किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
1. पेस्ट: यह बीमारी बकरियों को Pasteurella multocida नामक बैक्टीरिया के शरीर में घुसने से होता है इसमें बकरिया पेस्ट रोगग्रस्त हो जाती हैं, जिससे उन्हें बुखार, थकान, उच्च श्वसन, और थकावट की समस्या होने लगती है।
2. मंडल कोलेरा: मंडल कोलेरा एक ऐसा बीमारी है जो बकरियों को मौत के मुंह में धकेलने में समय नहीं लगता, इसमें बकरियों को बहुत तेज दर्द, पेट में गैस और उल्टी की समस्या नजर आती है।
3. कटर: यह रोग बकरियों में वायरस के कारण होता है इस रोग में बकरियों के पैरों और मुंह के चारो तरफ दागी बन जाता है।
इसमें बकरियों को बहुत तेज दर्द, और कमजोरी की समस्या होती है।
आपको बता दू की इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, इस बीमारी से ग्रसित बकरियों को अलग करके उन्हे साफ सुथरा रखना ही एक मात्र उपाय होता है।
4. हेल्मिंथियासिस: यह पैराजाइटिक इंफेक्शन होता है, इसमें बकरियों को पेट दर्द, कमजोरी, और वजन में गिरावट की समस्या देखने को मिलती है।
5. फुट रोट: फुट रोट में बकरियो के पैरो में छाले और सूजन हो जाते है जिससे उनको चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
6. किडनी बीमारी: ये बीमारी बकरियों के मूत्र प्रणाली में होता है जो की एक बैक्टिरियल इन्फेक्शन है। इसमें बकरियों की किडनिया कमजोर होने लगती है।
किडनियो के काजोर पड़ने के कारण बकरियों अत्यधिक पेशाब, मूत्रपात, और कमजोरी का शिकार बन जाती है।
वक्त रहते इस बीमारी का इलाज ना करवाना उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता हैं।
13. बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने में कितना खर्च आएगा ?
अगर आप ये सोच रहे है की मैं सीधे तौर पर ये बता दू की 1 या 2 लाख रुपए से आप इस धंधे की शुरुआत कर सकते है तो मेरे भाई ये बताना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
क्युकी बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है।
और पढ़े – बकरी पालन के लोन और सरकारी योजनाएं।
जैसे की शुरू में आप कितनी बकरियों पालना चाहते है, उनकी कौन सी नस्ल है, आप अपने बकरी पालन के लिए कैसा शेड बनवाएंगे, खाद-चारा, बकरियों की देखभाल में आप कौन कौन से जरूरी उपकरणों का इस्तेमाल करेंगे आदि।
1. शेड (बकरियों के घर) बनवाने का खर्च:
शेड निर्माण का खर्च: बकरी पालन का सबसे पहला खर्च है उनके लिए एक शेड या केहले उनके लिए घर बनवाने का खर्च जिसमे उसके लिए जरूरी संसाधनो, जगह, मजदूरी खर्च इत्यादि शामिल होते है।
2. बकरियों की खरीददारी में खर्च:
नस्ल के चयन पर खर्च: बकरी पालन का दूसरा खर्च आता है बकरियों का चुनाव करना अगर आप किसी महंगे या विषेश नस्ल को चुन रहे हैं, तो उसके लिए भी आपको पैसे खर्चने होंगे और ये खर्च आपको हर एक बकरी के हिसाब से चुकाना होगा।
3. खाद – चारा और के लिए खर्च:
खाद-चारा आपूर्ति की व्यवस्था पर खर्च: अगर आप बकरी पालन शुरू कर रहे है तो जाहिर है की आप उनके लिए खाने का बंदोबस्त करेंगे जो की बकरी पालन का तीसरा और मुख्य खर्च है। जिसमें उनके लिए अनाज और चारे खरीदना, चारा काटने का उपकरण, खाद शामिल है।
4. व्यवस्थापन और वित्तीय खर्च:
व्यवस्थापन और संचालन पर खर्च: पशुओं की देखभाल के लिए जरूरी उपकरण, अगर वे कभी बीमार पड़ गए तो पशुचिकित्सा में खर्च, उनके लिए दवाइयां, वैक्सीनेशन और अन्य जरूरी चीजों के खर्चों से आप भाग नहीं सकते।
मोटे तौर पर देखा जाए तो बकरी पालन शुरू करने के लिए आपको 1 से 5 लाख रूपए तक का खर्च आ सकता है।
लेकिन आपको ये भी नही भूलना चाहिए कि ये खर्चे आपके जगह और बाजार के अनुसार ज्यादा और कम हो सकते है।
14. बकरी पालन व्यवसाय में कितने रुपए तक की कमाई होगी?
अगर अब बात करे की बकरी पालन का व्यवसाय शुरू कर के आप कितने रुपए कमा सकते है, तो इसकी गिनती भी कई अलग अलग कारकों से जुड़ी हुई है। जैसे की आपके बकरियो की संख्या, उनकी नस्ल, उत्पादन क्षमता, बिक्री की मांग, और बाजार की दरे।
1. बकरियों की संख्या और नस्ल:
उत्पादन क्षमता: ये पूरी तरह से आपके क्षेत्र पर निर्भर करता है। यानी की आपके इलाके में कौन सी बकरिया ज्यादे मांग में रहती है क्युकी बकरियों की संख्या और उनकी नस्ल पर आपके आमदनी का प्रभाव पड़ता है, जैसे ज्यादा उत्पादन क्षमता वाली नस्लें आपको ज्यादा आमदनी देंगी।
2. उत्पादन और बिक्री की मांग:
बिक्री की मांग: आपके इलाके में बकरियों की कितनी मांग है, यदि आपके बाजार में बकरियों की मांग ज्यादा है और आप उनके उत्पादन को बढ़ा सकते है, तो इससे आपकी कमाई भी बढ़ सकती है।
3. बाजार दरें:
बाजार की दरें: जहा कही भी आप अपने बकरियां, उनके दूध या उनके मांस को बेचते है वहा उनकी कीमत कितनी है ? क्युकी कई जगहों में ये काफी सस्ते दामों पर बेचे जाते है तो कही इनका दाम ज्यादा होता है। तो इससे भी आपके आमदनी पर काफी असर पड़ता है।
आशा करता हु हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके सारे सवालों का उत्तर देगी, अगर अभी भी आपको कोई समस्या है तो आपके प्रश्न नीचे टिप्पणी के लिए आमंत्रित है।
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